Beti Bachao Beti Padhao Yojana 2024: भारत में बेटियों के प्रति समाज का नजरिया सदियों से जटिल रहा है। अनेक सामाजिक और सांस्कृतिक मान्यताओं ने लड़कियों के जीवन को सीमित कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप लिंग आधारित भेदभाव और हिंसा की समस्याएं पैदा हुई हैं। इस स्थिति को बदलने के लिए, 22 जनवरी 2015 को, भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने हरियाणा के पानीपत से “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” योजना की शुरुआत की।
Beti Bachao, Beti Padhao सिर्फ एक योजना नहीं है, बल्कि एक क्रांति का प्रतीक है। इसका उद्देश्य समाज में बेटियों के प्रति नकारात्मक रवैये को बदलना, उन्हें शिक्षित करना, और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इस आर्टिकल में, हम Beti Bachao, Beti Padhao के उद्देश्यों, क्रियान्वयन और इसके प्रभावों का विस्तृत विश्लेषण करेंगे। आप जानेंगे कि कैसे “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” योजना भारत की बेटियों के जीवन में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला रही है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना क्या है
साल 2015 में, भारत ने एक गंभीर समस्या का सामना किया – लिंगानुपात में लगातार गिरावट। 2011 की जनगणना ने एक चौंकाने वाला तथ्य सामने रखा – 918 महिलाएं प्रति 1000 पुरुष। यह देश के इतिहास में सबसे कम लिंगानुपात था। यह दर्शाता था कि बेटियों को गर्भ में ही खत्म करने की प्रथा कितनी व्यापक हो गई थी। समाज में बेटियों को लड़कों से कमतर समझा जाना, उनके भविष्य को सीमित करना, और उनके अधिकारों का हनन करना, ये सब इस समस्या के मूल में थे।
इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए, सरकार ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना शुरू की। इस योजना का उद्देश्य न केवल बेटियों के जीवन को बचाना था, बल्कि उन्हें शिक्षित करके समाज में उनकी भूमिका को मजबूत बनाना था। 100 करोड़ रुपए की शुरुआती धनराशि के साथ, यह योजना न केवल एक सामाजिक मुहिम थी, बल्कि महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता के लिए एक राष्ट्रीय प्रतिबद्धता का प्रतीक थी।
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बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना का उद्देश्य | Beti Bachao Beti Padhao Yojana 2024
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना का उद्देश्य सिर्फ लैंगिक अनुपात को बेहतर बनाना नहीं है, बल्कि समाज में बेटियों के प्रति नजरिए में एक क्रांतिकारी बदलाव लाना है। यह योजना लड़कियों के साथ होने वाले भेदभाव को खत्म करने, उन्हें शिक्षित करने, और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक बहुआयामी प्रयास है। इसके तहत, बेटियों के जन्मोत्सव पर पौधारोपण को बढ़ावा देकर पर्यावरण संरक्षण को भी प्रोत्साहित किया जाता है।
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना का लक्ष्य बेटियों को शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाना, उन्हें समाज में जिम्मेदार भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करना, और उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना है। हालांकि योजना सीधे आर्थिक लाभ नहीं देती है, लेकिन यह लड़कियों के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए कई अन्य योजनाओं को क्रियान्वित करने का आधार है।
बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना के मुख्य बिन्दु
- ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया गया है।
- पहले चरण में 100 जिलों को शामिल किया गया था।
- योजना के तहत पोस्टर जारी किए जाते हैं ताकि लोगों को बेटियों के अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा सके।
- 23 राज्यों के 87 जिले ऐसे हैं जहां लिंगानुपात राष्ट्रीय लिंगानुपात से कम था।
- 8 राज्यों के 8 जिले ऐसे हैं जहां लड़कियों की जन्म दर में कमी आई थी।
- दूसरे चरण में 11 राज्यों के 61 जिलों का चयन किया गया है जहां लिंगानुपात 918/1000 से भी कम था।
बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना से जुड़ी योजनाएं
‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना का मुख्य उद्देश्य समाज में बेटियों के प्रति जागरूकता पैदा करना है, लेकिन यह योजना केवल जागरूकता तक सीमित नहीं है। सरकार बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कई आर्थिक योजनाओं को भी बढ़ावा देती है। ‘सुकन्या समृद्धि योजना’, ‘लाड़ली लक्ष्मी योजना’, ‘बालिका समृद्धि योजना’ और ‘धनलक्ष्मी योजना’ जैसी योजनाएं बेटियों के जन्म पर उनके माता-पिता को कुछ धनराशि जमा करने के लिए प्रेरित करती हैं। यह धनराशि बेटियों की शिक्षा, शादी, या उनके भविष्य के लिए उपयोगी होगी। इस तरह, सरकार न केवल बेटियों को बचाने और पढ़ाने का प्रयास कर रही है, बल्कि उनके आर्थिक भविष्य को सुरक्षित करने के लिए भी कदम उठा रही है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लिए आवश्यक दस्तावेज़
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट साइज़ फोटो
- मोबाइल नंबर
- जन्म प्रमाण पत्र
- सरकारी विभाग द्वारा जारी आईडी
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना मे आवेदन कैसे करें
- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की वेबसाइट पर जाएं।
- “वुमेन एम्पावरमेंट स्कीम” पर क्लिक करें।
- “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” से संबंधित योजनाओं की जानकारी देखें।
- चुनिंदा योजना के आवेदन फॉर्म पर क्लिक करें।
- फॉर्म में जरूरी जानकारी भरें और दस्तावेज अपलोड करें।
- “सबमिट” पर क्लिक करें।